गरीब क्रांति अभियान के द्धारा आज द्रोण नगरी के नगर निगम सभागार में चकबंदी दिवस मनाया गया. इस अवसर पर दूर दराज से आये चकबंदी अभियान के समर्थक कार्यकर्ता और स्वावलंबन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे लोग जुटे. चकबंदी दिवस आयोजन का इस वर्ष की थीम “उत्पादन से स्वालंबन व समृद्धि” रखी गयी थी. कार्यक्रम की शुरुआत शहीद स्मारक पर पारंपरिक वा| यंत्र ढोल दमाऊं एवं रणसिंघा के साथ श्रद्धा सुमन अर्पित कर की गई. इसके बाद शहीद स्मारक से ढोल दमाऊं एवं रणसिंघा के साथ नगर निगम टाउन हाल तक जुलूस निकाला गया|
टाउन हाल में कार्यक्रम का आरम्भ पलायन पर तैयार की गई एक डाक्यूमेंट्री के साथ किया गया, इसके बाद चकबंदी नेता गणेश सिंह गरीब एवं उनकी पत्नी श्रीमती सरस्वती देवी, किसान पितामह पुरोला के युधवीर सिंह रावत, बीज बचाओ आन्दोलन के नेता विजय जरधारी, उ|मी विजय सुन्द्रियाल, उद्यानपति विद्याधर शर्मा, गैरसैण फ्रेश के दलबीर सिंह रावत, उत्तराँचल प्रवासी समिति के हेमंत नेगी, जड़ी बूटी के उद्यमी रामकृष्ण पोखरियाल का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया. इसके बाद आकाशवाणी की कलाकार नीता कुकरेती ने चकबंदी गीत प्रस्तुत किया. इसमें मैती आन्दोलन के प्रणेता कल्याण सिंह रावत ने पर्वतीय क्षेत्र में जारी पलायन पर चिंता व्यक्त की, और कहा की चकबंदी न होने के कारण ही पलायन हो रहा है. आने वाले समय में स्थिति और भी बदतर हो जायेगी. यदि पहाड़ में चकबंदी होती है तो उस से स्वावलंबन एवं समृधि की राह निकल सकती है. उनके बाद धुमाकोट से आये सुन्द्रियाल प्रोडक्शन के विजय सुंदरियाल ने बताया की उन्होंने नोकरी की बजाय स्वावलंबन को अपनाया और आज उनके इस उपक्रम से लगभग 300 लोग जुड़े हैं. गैरसैण फ्रेश के दलीप सिंह रावत ने बताया की जलागम परियोजना के एक झुझारू अधिकारी के प्रयास से उनका उपक्रम स्थापित हो सका और वहाँ पर सब्जी उत्पादन मसाला उत्पादन के क्षेत्र में लोगो का रुझान बढ़ा और वे अच्छी आमदनी कमा रहे हैं|
कार्यक्रम में बलवीर राणा एवं महेंद्र सिंह राणा लेखकद्वय द्वारा रचित गढ़वाली काव्यसंग्रह “खुदेड़ डंड्याली” का विमोचन भी किया गया. इसके साथ ही चकबंदी गीत गाने वाले सुरेंदर सेमवाल को सम्मानित किया गया. इसके बाद टीम ब्रह्मकमल द्धारा एक नुक्कड़ नाटक "समृद्धि का मूलमन्त्र- चकबन्दीश् का मंचन किया गयाण् जहां इस नाटक के जरिये खेती के बिखराव व समस्याओं पर कटाक्ष किया गया साथ ही सरकार के ढुलमुल रवये को भी कठघरे में खड़ा किया गया।" उद्यानपति विद्याधर शर्मा ने खेती को लेकर अपने अनुभव बांटे. बैठक में चकबंदी नेता गणेश सिंह गरीब ने आयोजन के लिए लोगो का धन्यवाद किया. और कहा की चकबंदी के लिए सरकार को समर्पण भाव से काम करना होगा. कार्यक्रम की अद्यक्षता चकबंदी का मोडल तैयार करने वाले पुरोला के प्रगतिशील किसान में युधवीर सिंह रावत, उत्तराखंड आन्दोलनकारी परिषद् के पूर्व उपाध्यक्ष रविन्द्र जुगरान, साहित्यकार योगम्बर सिंह बर्त्वाल, गढ़वाल सभा के टीएस असवाल, चतुर सिंह नेगी, बिज्जू नेगी, भगत सिंह नेगी, एलमोहन कोठियाल,संजय बुदाकोती, जगमोहन जिज्ञाशु विनोद मनकोटी, मनीष सुन्द्रियाल, जगमोहन जिज्ञासु, बलवंत गुसाईं, अनूप पटवाल, विकास ध्यानी, रायवाला से विनीता बिष्ट और लखनऊ से महेंद्र राणा आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम का संयोजन गरीब क्रांति अभियान के संयोजक कपिल डोभाल ने किया|
टाउन हाल में कार्यक्रम का आरम्भ पलायन पर तैयार की गई एक डाक्यूमेंट्री के साथ किया गया, इसके बाद चकबंदी नेता गणेश सिंह गरीब एवं उनकी पत्नी श्रीमती सरस्वती देवी, किसान पितामह पुरोला के युधवीर सिंह रावत, बीज बचाओ आन्दोलन के नेता विजय जरधारी, उ|मी विजय सुन्द्रियाल, उद्यानपति विद्याधर शर्मा, गैरसैण फ्रेश के दलबीर सिंह रावत, उत्तराँचल प्रवासी समिति के हेमंत नेगी, जड़ी बूटी के उद्यमी रामकृष्ण पोखरियाल का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया. इसके बाद आकाशवाणी की कलाकार नीता कुकरेती ने चकबंदी गीत प्रस्तुत किया. इसमें मैती आन्दोलन के प्रणेता कल्याण सिंह रावत ने पर्वतीय क्षेत्र में जारी पलायन पर चिंता व्यक्त की, और कहा की चकबंदी न होने के कारण ही पलायन हो रहा है. आने वाले समय में स्थिति और भी बदतर हो जायेगी. यदि पहाड़ में चकबंदी होती है तो उस से स्वावलंबन एवं समृधि की राह निकल सकती है. उनके बाद धुमाकोट से आये सुन्द्रियाल प्रोडक्शन के विजय सुंदरियाल ने बताया की उन्होंने नोकरी की बजाय स्वावलंबन को अपनाया और आज उनके इस उपक्रम से लगभग 300 लोग जुड़े हैं. गैरसैण फ्रेश के दलीप सिंह रावत ने बताया की जलागम परियोजना के एक झुझारू अधिकारी के प्रयास से उनका उपक्रम स्थापित हो सका और वहाँ पर सब्जी उत्पादन मसाला उत्पादन के क्षेत्र में लोगो का रुझान बढ़ा और वे अच्छी आमदनी कमा रहे हैं|
कार्यक्रम में बलवीर राणा एवं महेंद्र सिंह राणा लेखकद्वय द्वारा रचित गढ़वाली काव्यसंग्रह “खुदेड़ डंड्याली” का विमोचन भी किया गया. इसके साथ ही चकबंदी गीत गाने वाले सुरेंदर सेमवाल को सम्मानित किया गया. इसके बाद टीम ब्रह्मकमल द्धारा एक नुक्कड़ नाटक "समृद्धि का मूलमन्त्र- चकबन्दीश् का मंचन किया गयाण् जहां इस नाटक के जरिये खेती के बिखराव व समस्याओं पर कटाक्ष किया गया साथ ही सरकार के ढुलमुल रवये को भी कठघरे में खड़ा किया गया।" उद्यानपति विद्याधर शर्मा ने खेती को लेकर अपने अनुभव बांटे. बैठक में चकबंदी नेता गणेश सिंह गरीब ने आयोजन के लिए लोगो का धन्यवाद किया. और कहा की चकबंदी के लिए सरकार को समर्पण भाव से काम करना होगा. कार्यक्रम की अद्यक्षता चकबंदी का मोडल तैयार करने वाले पुरोला के प्रगतिशील किसान में युधवीर सिंह रावत, उत्तराखंड आन्दोलनकारी परिषद् के पूर्व उपाध्यक्ष रविन्द्र जुगरान, साहित्यकार योगम्बर सिंह बर्त्वाल, गढ़वाल सभा के टीएस असवाल, चतुर सिंह नेगी, बिज्जू नेगी, भगत सिंह नेगी, एलमोहन कोठियाल,संजय बुदाकोती, जगमोहन जिज्ञाशु विनोद मनकोटी, मनीष सुन्द्रियाल, जगमोहन जिज्ञासु, बलवंत गुसाईं, अनूप पटवाल, विकास ध्यानी, रायवाला से विनीता बिष्ट और लखनऊ से महेंद्र राणा आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम का संयोजन गरीब क्रांति अभियान के संयोजक कपिल डोभाल ने किया|