1 - उत्तराखण्ड में चकबन्दी नीयत, नीति तथा नियति
डा॰ बी॰ पी॰ नौटियाल
पूर्व महाप्रबन्धक-नाबार्ड तथा
पूर्व निदेशक- उद्यान एवं फल प्रसंस्करण
पृथक उत्तराखण्ड राज्य की मार्ग एक पर्वतीय राज्य के रूप में बीसवीं षताब्दीे में पचास के दषक से ही उठने लगी थी। यह कोई राजनैतिक महत्वाकांक्षा की मांग नही थी। क्योंकि तब हमारा देष आजाद ही हुआ था जनमानस के प्रतिनिधि राजनीति से कम समाजसेवा एवम् विकास से अधिक जुड़े थे। तब के समाजसेवी ही जनप्रतिनिधि होते थे उनके आदर्ष और मूल्य वर्तमान के आदर्षों और मूल्यों से बिल्कुल अलग थे। आज से 60 वर्श पूर्व तत्कालीन उत्तर प्रदेष के पर्वतीय जिले भी कम थे और उनकी आबादी भी कम थीं। तब षिक्षा, स्वास्थ्य की सुविधायें भी कम थी। सड़क मोटर मार्गों का तो कहना ही क्या तब किलोमीटर नही मीलों पैदल चलना होता था, छोटे-छोटे बच्चे मीलों पैदल चलकर स्कूलों में आया जाया करते थे।
read more