13 ब्लाक स्तरीय चकबंदी जनजागरूकता कार्यक्रम, चौबट्टाखाल (एकेश्वर)

चैबट्टाखाल में आयोजित ब्लाक स्तरीय चकबन्दी जागरूकता कार्यक्रम “गाँव की बात किसान के साथ”


मान्यवर,
सादर अभिवादन। राज्य के पर्वतीय अंचल में भूमि बिखराव के कारण पैदा हो रही विसंगतियों दूर करने के लिये सरकार अब राज्य में चकबन्दी करने जा रही है। बिखरी खेती की वजह से पर्वतीय क्षेत्र में कृषि के अलाभकारी होने से खेत निरन्तर बंजर और गांव खण्डहर होते जा रहे हैं। यह स्थिति पृथक राज्य के लिये पीड़ादायक है। राज्य में पलायन की विकराल समस्या के निदान का विकल्प मात्र चकबन्दी है। चकबन्दी की मांग सामाजिक कार्यकर्ता व संगठन विगत चार दशकों से उठा रहे हैं। चकबन्दी नेता गणेशसिंह ‘गरीब’ की द्वारा आरम्भ की गई यह मुहिम अब रंग लाई है और चकबन्दी अब आम जन मानस में चर्चा के केन्द्र में है जिस पर सरकार ने विधेयक तैयार कर लिया ह|

गरीब क्रान्ति अभियान विगत चार साल से भूमि के एकत्रीकरण की मांग को लेकर जनजागरण में लगा है और अब तक अनेक आयेाजन कर चुका है। यह एक नितान्त गैर राजनीतिक फोरम है जिससे अनेकों प्रबुद्धजन व युवा सम्बद्ध हैं। इसका एक मकसद चकबन्दी के प्रति समाज में जागृति लाने के अलावा विषय पर चर्चा परिचर्चा के दौर को आगे बढ़ाना ताकि जनआकाक्षांओं के अनुरुप चकबन्दी हो सके और बंजरखेत सरसब्ज हो सकें।

इस कार्यक्रम में में गांव और चकबन्दी की बात को लेकर कई विषयों पर चर्चा होगी। इसलिये विषय की बाध्यता इसमें नहीं रखी गई है। फिर भी पर्वतीय क्षेत्र में कृषि सम्बन्धित विषयों व विसंगतियों यथा पारम्परिक प्रणाली, कृषि क्षेत्र की उपेक्षा व प्रभाव, पलायन की मार, मैदान में चकबन्दी के लाभ, दूसरे राज्यों में चकबन्दी, बिखरी खेती से अलाभकारी होती कृषि, भूमि एकत्रीकरण के लाभ, कृषि क्षेत्र में संभावनायें ग्रामीण लघु उद्यम व कृषि जन्य रोजगार, सरकारी योजनायंे, राज्य में भूमि की स्थिति, कृषि भूमि की बरबादी, कृषि भूमि विक्रय पर प्रतिबन्ध, भूमि अधिग्रहण, नगरीकरण और कृषि, बन्दोबस्त, रिकार्ड सुधारीकरण, भूमि संटवारे के प्राविधान, भूमि सम्बन्धी दूसरे सवाल व समाधान, पर्यावरण, जंगलों की आग,

चीड़ का प्रसार, जंगली जानवरों का आतंक व पारम्परिक बीज जैसे विषयों पर बात हो सकती है। कार्यक्रम में आये सुझाव सरकार के समक्ष रखे जायेंगें। यह राज्य भी हिमाचल की तरह संभावनाओं से परिपूर्ण है किन्तु कुछ समस्याओं के चलते यहां पर हताशा व निराशा का माहौल है। इसलिये जितनी जल्दी उनका समाधान चकबन्दी होगा उतनी जल्द पहाड़ में कृषि व बागवानी की राह आसान होगी। आप पहाड़ की पीडा से विज्ञ हैं इसलिये कार्यक्रम में विचारों व सुझावों के साथ आपकी भागीदारी की कामना है। यह आयोजन नितान्त जनसहयोग से किया जा रहा है इसलिये यह कार्यक्रम हम सबका है। आपकी उपस्थिति सादर प्रार्थनीय है।



कार्यक्रम


दिनांक: 15 नवम्बर 2015 (रविवार): समय-10.00 बजे प्रातः से सायं 3 बजे तक
आयोजन स्थल: राजकीय इन्टर काॅलेज चैबट्टाखाल (पौड़ी गढ़वाल)

प्रमुख बिन्दु
चकबन्दी, समाचार पत्रों के आइने में, चकबंदी गीत, परिचर्चा, विशेषज्ञों की बात, विचार विमर्श, प्रश्नोत्तर, जनसुझाव एवं मांग पत्र।