17 ग्राम स्तरीय चकबंदी जनजागरूकता गोष्ठी कांडाखाल पौड़ी गढ़वाल 2015

सरकार की दीर्घकालीन जनउपेक्षा नक्सलवाद को जन्म देती है : कपिल डोभाल


  • संकुचित भावना और एकजुटता की कमी पलायन का मुख्य कारण

  • सरकार बंद करे खाद्यान योजना

         जितेंद्र जोशी : कल्जीखाल : पौड़ी l ग्राम स्तरीय चकबंदी जनजागरण गोष्ठी कार्यक्रम के अन्तर्गत गरीब क्रांति अभियान द्वारा प्रखंड जहरीखाल के अन्तर्गत ग्राम कांडाखाल मे चकबंदी जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया l गरीब क्रांति अभियान के संयोजक कपिल डोभाल ने अभियान को लेकर अपने अनुभवों को श्रोताओं से साझा किया l उन्होने बताया की गणेश सिंह गरीब के सम्पर्क में आने से पहले वे शिक्षा को पलायन का मुख्य कारण समझते थे परन्तु गणेश सिंह गरीब के विचारो का अध्ययन करने के बाद उन्हे ज्ञान हुआ की पलायन का मुख्य कारण उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में चकबंदी का न होना है l

         उन्होने बताया की उत्तराखंड में राज्य निर्माण से लेकर वर्तमान तक सत्ता में रहे राष्ट्रीय दलों द्वारा चकबंदी को गम्भीरता से नहीँ लिया गया जिसके कारण उत्तराखंड की पर्वतीय जनता स्वयम को उपेक्षित महसूस कर रही और दीर्घकालीन जनउपेक्षा ही नक्सलवाद को जन्म देती है l उन्होने बताया की 1 मार्च 2016 को चकबंदी दिवस उत्तराखंड की असली राजधानी गैरसैण में मनाया जायेगा जिसमे केंद्रीय पंचायत राज मंत्री राधा मोहन को शामिल होने के लिये आमंत्रित किया जायेगा l प्रगतिशील कृषक शिवचरण बिष्ट ने कहा की भारतीय रक्षा सेवा से सेवानिवृत होने के बाद उन्होने पलायन की राह नहीँ पकड़ी और पुनः अपने मूल व्यवसाय कृषि को अपना कर अपनी भूमि को पुनर्जीवीत किया l उन्होने बताया की उद्यानीकरण और जड़ी - बूटी उत्पादन को अपनी अजीविका का साधन बनाया l उन्होने बताया की धीरे - धीरे कृषि के प्रति उनकी कर्मठता को देखते हुए अन्य गाँववासियों ने भी अपने खेतों को सरसब्ज करना शुरू कर दिया l उन्होने बताया की आज हमारे समाज में संकुचित भावना घर कर गयी और लोगो में एकजुटता की कमी है l उन्होने केन्द्र सरकार द्वारा संचालित खाद्यान योजना का पुरजोर विरोध करते हुए कहा की खाद्यान योजना तत्काल बंद होनी चाहिये जिससे आम पहाड़ी कृषि की ओर लौटे l समाजिक कार्यकर्ता विशम्बर नेगी कहा की गरीब क्रांति अभियान को चाहिये की चकबंदी आंदोलन को और उग्र रूप दिया जाये जिससे सरकार पर अनिवार्य चकबंदी को लेकर व्यापक दबाव बन सके और सरकार जनहित में अनिवार्य चकबंदी लागू करे l उन्होने कहा की चकबंदी को लेकर ठोस नीति बनाये और पूर्ण रूप से पलायनित परिवारों की भूमि को जब्त करे l अशोक बुढ़ाकोटी ग्राम चाई ने कहा की उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में निवास कर रहे कृषक ही चकबंदी के मूल आधार बन सकते है l उन्होने उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों की ओर बढ़ रहे भूमाफियों को लेकर भी चिंता जतायी l उन्होने बताया की भूमिमाफियों को उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों पर कब्जा करने से रोकने के लिये प्रदेश सरकार को ठोस नीति बनानी चाहिये l मंच संचालन करते हुये हेमंत नेगी ने कहा की ऐसी कोई समस्या नहीँ जिसका हल खोजा न जा सके पर समस्या के निराकरण के लिये प्रयासरत रहना अत्यंत आवश्यक है l उन्होने कहा की हमारे पास उपलब्ध प्राकृतिक संसाधन ही हमारी आजीविका का ठोस साधन बन सकते है l उन्होने जैविक कृषि को स्वरोजगार का सशक्त माध्यम बताते हुये कहा की कृषि उपेक्षा के कारण रासायनिक खाद से उत्पन्न हुये खाद्य उत्पादों पर लोगो की निर्भरता बढ़ गयी थी पर अब एक बार फिर आम लोगो का का रुझान जैविक कृषि से उत्पन्न खाद्य उत्पादों की ओर बढ़ा है l

         उन्होने बताया की केन्द्र एवम राज्य सरकारें भी अब कृषकों जैविक कृषि अपनाने के लिये प्रोत्साहित कर रही है l क्षेत्रीय कृषक मुकेश रावत ने कहा की माननीयो ने पहाड़ में मूलभूत जरूरतों से जुड़े मुद्दो को कभी गम्भीरता से नहीँ लिया जिसका खामियाजा उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में निवास कर रहे आम जनमानस को आज भुगतना पड़ रहा है l पूर्व शिक्षक ध्यान सिंह नेगी ग्राम झटकण्डी ने कहा की आज वास्तव में उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था की हालत खराब है जो पलायन का मुख्य कारण बन रहा है l क्षेत्रीय कृषक कन्हैया लाल ने प्रदेश सरकार के कृषि प्रोत्साहन नीति पर तंज़ कसते हुये कहा भ्रमण, प्रशिक्षण आदि प्रचार - प्रसार पर फिजूल खर्च न करके धरातल पर कृषकों को प्रोत्साहित करे सरकार जिससे पलायन स्तर कम हो l समाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र प्रसाद खुगशाल (जय माता की) ने कहा की अगर आज l समाजिक कार्यकर्ता तनु पन्त ने पहाड़ की व्यथा को श्रोताओं के समक्ष रखा l उन्होने बताया की आज पहाड़ो से पलायन करके लोग शहरो में छोटी - मोटी नौकरी कर रहे है वो अगर इतनी मेहनत अपनी खेतों में करते तो उनको अजीविका का साधन तो मिलता ही साथ में उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में स्थिति आज कुछ और होती l सामजिक कार्यकर्ता जनार्दन बुढ़ाकोटी गणेश सिंह गरीब और कपिल डोभाल को चकबंदी जागरूकता अभियान को इतना व्यापक स्वरूप प्रदान करने के लिये धन्यवाद प्रकट किया l उन्होने कहा की गरीब क्रांति अगर इस प्रकार ही अनिवार्य चकबंदी के प्रति प्रयासरत रही तो उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में गरीब जी का चकबंदी जरूर पूरा होगा l क्षेत्रीय ग्रामीण संतोषी देवी ने बताया की वर्तमान में पहाड़ जिन परिस्तिथियों से जूझ रहा है उसमे चकबंदी आवश्यकता बहुत बढ़ गयी है और क्षेत्रीय ग्रामीण इसके लिये सहर्ष तैयार है l सरस्वती देवी ग्राम सूला ने कहा की उत्तराखंड में महिलायें पर्वतीय कृषि की सदैव रीढ़ रही है l उन्होने बताया की उत्तराखंड निरंतर रसातल की ओर जा रहा है और इसलिये किसी ने सही ही कहा है "कूडी बाँझी भीतर बंद किले मांगु उत्तराखंड "l 70 वर्षीय प्रेम सिंह ने कहा की आज भी वे अपनी भूमि से उत्पन्न अन्न को ही खाते और कृषि के दम ही उन्होने अपने परिवार भरण - पोषण किया l उन्होने बताया की जब वे इस उम्र में खेती कर सकते है तो उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र युवा अपने मूल व्यवसाय को छोड़ कर क्यों भाग रहा है ? I गरीब क्रांति के प्रेरणता गणेश सिंह गरीब ने अनिवार्य चकबंदी के सन्दर्भ में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस परमार का उदाहरण देते हुये कहा की ऐसी मातृभूमि प्रेम की भावना का उत्तराखंड के माननीयों में आभाव l उन्होने कहा एक वक्त था जब जब लोगो के घर अनाज से भरे होते थे परन्तु आज कृषि उपेक्षा के कारण उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के निवासी सीमांत राज्यों से आयातित अनाज पर निर्भर है l उन्होने पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि उपेक्षा का मूल कारण बिखरी कृषि जोतो को बताया जिनको एक करने के लिये अनिवार्य चकबंदी जरूरी है l

         उन्होने कहा की उत्तराखंड की वर्तमान परिस्तिथियो में स्वैच्छिक चकबंदी अधिक प्रभावी साबित नहीँ होगी l उन्होने कहा की अगर सरकार वाकई चकबंदी के प्रति गम्भीर है तो अनिवार्य चकबंदी लागू करे तब ही पहाड़ो से पलायन पर रोक लगेगी l गणेश सिंह गरीब ने कहा की प्रदेश सरकार गरीब क्रांति अभियान से जुड़े नवयुवकों को सरकार द्वारा चलाये जा रहे चकबंदी कार्यक्रम से जोड़े I इस अवसर पर 01 मार्च 2016 को गैरसैण में आयोजित होने वाले चकबंदी दिवस में मुख्य अतिथि के रूप में केंदीय कृषि मंत्री श्री राधा मोहन को आमंत्रित करने हुए अभियान से सदस्य मनीष भट्ट को आमन्त्रण पत्र सौपा गया I आज चकबंदी जागरूकता गोष्ठी हेमंत नेगी, मनीष भट्ट,जनार्दन बुढ़ाकोटी, शिवचरण बिष्ट, कुलदीप सिंह, संतोषी देवी, राजेंद्र प्रसाद खुगशाल,ध्यान सिंह नेगी,सरस्वती देवी, संजय बुडाकोटी] तनु पन्त, शोभना सिंह, रविंद्र कुमार, दर्शन सिंह नेगी, सरत सिंह, गजेन्द्र नेगी, बीरा देवी, मधु देवी,मंजु देवी, महाराज सिंह असवाल सुरेशी देवी, द्रौपदी देवी, शशि देवी, कलावती देवी, भूमा देवी, गुड्डी देवी, सुंदरी देवी, चंद्रकला देवी, संजू देवी, टोनी आदि मौजूद रहे l