9 चकबंदी आन्दोलन के प्रणेता गणेश सिंह गरीब जी का जन्मदिवस 01 मार्च २०१५

गणेश सिंह गरीब जी के जन्म दिवस पर विशेष

और माधो सिंह को मिल गया समृद्धि का ब्रह्मास़्त्र .....


सुबह से बारिश की हल्की फुहारों के साथ चकबन्दी समर्थक गाँधी पार्क पहुँचे और 12.15 बजे ...गणेश सिंह गरीब के 79 वें जन्म दिन का वैनर मुख्य गेंट पर लगता है और थोड़ी देर में ब्रह्मकमल टीम के 13 सदस्यों द्वारा गोल घेरे में ....नाटक देखो नाटक देखो.....देव लोक में देवता चिंतित हैं इस पृथ्वी के प्रति ...वहीं उत्तराखण्ड में लाचार किसान किसान माधों सिंह, परिवार नाखुश , परेशानी रूपी कही राक्षस माधो सिंह को घेरे हुये .......फिर चुनाव व वक्त नेताजी हमारा नेता कैसा हो बच्ची सिंह जैसा हो ....और बच्ची सिंह भी माधा सिंह को तरह तरह के झूठे वादे दिलाकर चुनाव जीत जाता है...फिर एक दिना माधा सिंह नेताजी के पास अपनी समस्या का समधान करने के लिये मिलने जाता है.....लेकिन नेताजी माधो सिंह को पहचाानने से भी इंकार कर देते हैं.....बेचारा माधो सिंह...........फिर देव लोक से विखरे हुये खेतों को आपस में अदला बदली करने का समधान रूपी ब्रह्मास़्त्र - ‘‘चकबन्दी’’ माधो सिंह को मिलता है ....देखते ही देखत माधो सिंह समृद्ध हो जाता है....और फिर नेता जी .............कोई मुह ही नही लगा रहा...............नेताजी का भविष्य खतरे में ...... और सुनो गौर से....सबसे आगे होंगे उत्तराखण्डी .......... सबसे आगे होंगे उत्तराखण्डी ...नुक्कड़ नाटक का सुन्द मंचन हुआ ....इसके बाद गरीब क्रान्ति अभियान के सयोजक कपिल डोभाल ने गणेश सिंह गरीब जी का चकबन्दी आन्दोलन का सफर आम जन का बताया.....मैती आन्दोन के कल्याण सिंह रावत और हिमालय बचाओं के समीर रतूड़ी जी ने विकास के पैमान क्या हो , पहाड़ क्या है, इन 14 वर्षो में हम कहाँ पहुंचे, चकबन्दी ही पर्वतीय राज्य उत्तराखण्ड के उत्थान का एक मात्र रास्ता, गरीब क्रान्ति से जुड़े सक्रिय कार्यकर्ता संजय बुड़ाकोटी ने कहा कि बड़े- बड़े साहित्य कही दिनों के अध्ययन करने के बाद चकबन्दी को समझा पाते हैं वहीं इस 20.25 मिनट के नुक्कड़ ने पूरे पर्वतीय क्षेत्र की समस्या का समधान ही दिखा दिया......वारिश सम्बन्धी परेशानी अनवरत चल ही रही थी और लोगों के अनुरोध पर एक बार फिर नुक्कड़ का संचालन किया गया ..........भेज रहें हैं चकबन्दी निमंत्रण प्रियवर तुम्हें बुलाने को.......हे चकबन्दी के प्रेमी तुम भूल न जाता आने को ...आठ मार्च का दिन स्थान होगा देहरादून.........पैगाम को दिया युवा कवियत्री तनु पंत ने । चंूकि कार्यक्रम गाँधी पार्क मंे था इसलिये दर्शकों की स्वाभाविक संख्या 100-200 तो होती ही है......कई लोग आठ मार्च को मिलते हैं ...कहकर नुक्कड़ की बड़ी प्रशंसाा करने लगे तो कई भाई हम भी अपने गाँवों में चकबन्दी का प्रचार करेगे...आदि आदि, दो घंटे से भी अधिक चले इस कार्यक्र में मुख्य रूप से शामिल थे अखिलेश बुड़ाकोटी अमित गुसांई, कुवर दिग्विजय सिंह चैहान , कुंवर जगवीर चैहान , कुवंर पंकज सिंह चैहान, रजनीकांत कुकरती सहित कई अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे ....